( अनजाना दिल )
किसी के दिल का क्या मालूम,
खुद अपना दिल अनजाना है - २
खुशियों को छुपाया जिसने ,
वो गम की काली परछाइयाँ हैं .
इस दिल की थाह कौन पाए ,
सागर से भी अधिक गहराइयाँ हैं .
दिल आखिर शै है क्या ,
जिसपे बनाया हर किसी ने तराना है.
किसी के दिल ..............................................................
दिल का झांसा ही कुछ ऐसा है,
बसे -बसायों को कर देता है बर्बाद .
हुस्नों शवाब में जो भी डूबा ,
फिर हो पाया ना आबाद .
मत बिसर हसीं चेहरों की रौनक में,
जिनकी शिरकत में तडपाना है .
किसी के दिल .............................................................
आनी- जानी जिंदगियों का मेला ,
जिसमे मेरा भी एक डेरा है .
न मैं किसी की चाहत हूँ ,
न कोई चाहत-ऐ-नूर मेरा है .
पल भर के लिए ठहरा " कायत" ,
बस दिल को ये समझाना है .
किसी के दिल ..................................................................
खुद अपना दिल अनजाना है .
BISARTI RAAHEN
किसी के दिल का क्या मालूम,
खुद अपना दिल अनजाना है - २
खुशियों को छुपाया जिसने ,
वो गम की काली परछाइयाँ हैं .
इस दिल की थाह कौन पाए ,
सागर से भी अधिक गहराइयाँ हैं .
दिल आखिर शै है क्या ,
जिसपे बनाया हर किसी ने तराना है.
किसी के दिल ..............................................................
दिल का झांसा ही कुछ ऐसा है,
बसे -बसायों को कर देता है बर्बाद .
हुस्नों शवाब में जो भी डूबा ,
फिर हो पाया ना आबाद .
मत बिसर हसीं चेहरों की रौनक में,
जिनकी शिरकत में तडपाना है .
किसी के दिल .............................................................
आनी- जानी जिंदगियों का मेला ,
जिसमे मेरा भी एक डेरा है .
न मैं किसी की चाहत हूँ ,
न कोई चाहत-ऐ-नूर मेरा है .
पल भर के लिए ठहरा " कायत" ,
बस दिल को ये समझाना है .
किसी के दिल ..................................................................
खुद अपना दिल अनजाना है .
BISARTI RAAHEN
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