बदलाव
बदल डालो !
ऐसे भ्रष्टाचारी समाज को ,
जहां भगवान भी लुटता है.
पैसे से,
प्यार व ईमान बिकता है .
हम कैसे भर सकते हैं ?
किसी में ,
राष्ट्र प्रेम की भावना
जब हमें खुद देश से प्यार नहीं .
कैसे बदलाव ला सकते हैं ?
समाज में ,
जब हम स्वयं
बदलने को तैयार नहीं.
क्या हो ?
इस समस्या का सुलझाव ,
यही प्रशन अटका है
सम्मुख आज .
गर सुधार ले "कायत"
हम अपने आपको ,
अपने विचारों को,
तो खुद-बा-खुद
बदल जायेगा समाज .
तो खुद बा खुद बदल जायेगा समाज .
बदल डालो !
ऐसे भ्रष्टाचारी समाज को ,
जहां भगवान भी लुटता है.
पैसे से,
प्यार व ईमान बिकता है .
हम कैसे भर सकते हैं ?
किसी में ,
राष्ट्र प्रेम की भावना
जब हमें खुद देश से प्यार नहीं .
कैसे बदलाव ला सकते हैं ?
समाज में ,
जब हम स्वयं
बदलने को तैयार नहीं.
क्या हो ?
इस समस्या का सुलझाव ,
यही प्रशन अटका है
सम्मुख आज .
गर सुधार ले "कायत"
हम अपने आपको ,
अपने विचारों को,
तो खुद-बा-खुद
बदल जायेगा समाज .
तो खुद बा खुद बदल जायेगा समाज .
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