" पर्दा "
असलियत पे पर्दा पड़ा है,
झूठ बेनकाब खड़ा है .
झूठ को सत्य समझते हैं,
सत्य लगता है झूठा .
कर्म हमारे असफल हुए ,
दोष है कि विधाता रूठा .
कल था जो नाली का पत्थर,
आज कंगूरे जा चढ़ा है .
असलियत पे पर्दा ................................................
दुश्मन को दोस्त कहें ,
या दोस्त को दुश्मन .
स्पष्ट हैं भाव दुश्मन के ,
दोस्त की गद्दारी पे है चिलमन .
जाहिर दुश्मन की नहीं परवाह ,
दोस्त में छिपा दुश्मन बड़ा है .
असलियत पे पर्दा ......................................................................
मृगमरीचिका मैदान है जहान ,
मन बहलावें ख्वाब हैं .
प्रश्नों का तांता लगा है ,
न किसी के पास कोई जवाब हैं .
जिस स्वाभिमान में ज़माने से टकराया,
वो स्वाभिमान ही मुझपे भारी पड़ा है .
असलियत पे पर्दा पड़ा है ,
झूठ बेनकाब खड़ा है .
असलियत पे पर्दा ..........................................................
: - कृष्ण कायत
असलियत पे पर्दा पड़ा है,
झूठ बेनकाब खड़ा है .
झूठ को सत्य समझते हैं,
सत्य लगता है झूठा .
कर्म हमारे असफल हुए ,
दोष है कि विधाता रूठा .
कल था जो नाली का पत्थर,
आज कंगूरे जा चढ़ा है .
असलियत पे पर्दा ................................................
दुश्मन को दोस्त कहें ,
या दोस्त को दुश्मन .
स्पष्ट हैं भाव दुश्मन के ,
दोस्त की गद्दारी पे है चिलमन .
जाहिर दुश्मन की नहीं परवाह ,
दोस्त में छिपा दुश्मन बड़ा है .
असलियत पे पर्दा ......................................................................
मृगमरीचिका मैदान है जहान ,
मन बहलावें ख्वाब हैं .
प्रश्नों का तांता लगा है ,
न किसी के पास कोई जवाब हैं .
जिस स्वाभिमान में ज़माने से टकराया,
वो स्वाभिमान ही मुझपे भारी पड़ा है .
असलियत पे पर्दा पड़ा है ,
झूठ बेनकाब खड़ा है .
असलियत पे पर्दा ..........................................................
: - कृष्ण कायत
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