"जिन्दगी" क्या खूब है हमें ये जिंदगानी मिली,
हर तरफ से ही हमें तो निराशा परेशानी मिली,
छाया है मातम गमों का,
ना खुशियों का कोई चाव है,
साहिल तक पहुँच ना पाया मै,
सफ़र की हर राह रात तूफानी मिली
क्या खूब है .......................
एक तो रेगिस्तानी जिन्दगी ,
फिर मंजिल का है दूर रास्ता,
अंधियारों में ही घिरा हुआ हूँ ,
ना उजाले से है कोई वास्ता ,
क्या लिखूं क्या ना लिखूं ?
पूरी ना कर सका वो कहानी मिली ,
क्या खूब..........................
शीतल हवा का मंद झोका ही,
लगता दिल को तूफान है,
कहता कोई स्वर्ग है दुनिया ,
कहता कोई उद्यान है,
हमे तो जब BHI मिली ,
ये दुनिया वीरानी मिली,
क्या खूब है हमे यह जिन्दगी मिली.
शीतल हवा का मंद झोका ही,
जवाब देंहटाएंलगता दिल को तूफान है,
कहता कोई स्वर्ग है दुनिया ,
कहता कोई उद्यान है,...
सुन्दर रचना के लिए बधाई....
(निराशावादिता से बचें...)